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कुछ समय पहले राजधानी दिल्ली में हुयी घटना से पुरे देश में मायूसी छाई है और पुरे देश में व्यापक क्रोध है. इस घटना ने पुरे समाज को हिल कर रख दिया है. यह उस पीड़ित लड़की के लिए असहनीय उसकी आत्मा, नारीत्व, उसकी गरिमा को पूरी तरह से झकझोर दिया है. वो इस सदमे से शायद ही कभी उबर पाए. किन्तु आज एक, कल दो और पता नहीं ऐसी कितनी लडकियों की जिन्दगी के साथ बलात्कार जैसी हैवानी हरकत करते रहेगे. हम इन्हे रोकने में क्यों नाकाम रहते है. जहा जिस देश में श्रीमति सोनिया गाँधी जी, श्रीमती सुषमा स्वराज जी, ममता बनर्जी जी, मायावती जी जैसी अनेक शक्तिशाली महिलाये है जिन्होंने अपना लोहा पूरी दुनिया में मनवाया है. जहाँ हम नारी वर्ग को पूजते है उन्हें कदम से कदम मिलकर चलने के लिए प्रेरित करते है उन्हें अपने बराबरी का दर्ज देने की बात करते है वही उसी राष्ट्र में कुछ बुरे प्रवत्ति के लोगो की वजह से हमारा समाज नाकाम होता है इसमे कही न कही एक गलती या यूँ कहे की नारी वर्ग को पुरुष वर्ग से निचा समझा जाना भी है ऐसे शैतान, हैवान दरिंद्रे इसी समाज और ऐसे तबके से आते है जो की जितने गंदे नहीं उससे कही ज्यादा उनकी मानसिकता और सोच गन्दी है. हमें चाहिए की हम एक ऐसे समाज का निर्माण करे जिसमें हर वर्ग के व्यक्ति इंसान को एकाधिकार, प्रतिस्ठा सम्मान मिलें. जब तक हम ऐसे समाज का निर्माण नहीं कर लेते तब तक हम विश्व के दुसरे राष्ट्र के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते है. हमारा देश लोकतंत्रात्मक है ना की वर्ग्तान्त्रत्मक हमें सही मायने में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रमक तभी मन जायेगा जब हम हमारे देश के सभी वर्ग के व्यक्ति का अधिकार सम्मान बराबर का होगा और न कि सिर्फ जुबानी बल्कि जमीनीस्तर पर और ये इस लिए भी जरुरी है क्योकि हम उस देश से है जहाँ नारी को बीते हजारों वर्षो से पूजते है हम उस देश से है जहाँ नारी को देवी का औहदा दिया जाता है जहाँ हम उनके दर्शन मात्र के लिए सैकड़ों मील पैदल चलते है. वाकई इस तरह की घटनाएँ अत्यंत ही छोभ्नीय है. हमें हम सभी को मिलकर इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए और इसे अपने समाज से उखाड़ फैकना चाहिए …
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